9 मार्च 2016 को सूर्य ग्रहण सुबह 4 बजकर 49 मिनट से शुरू होकर 10 बजकर 4 मिनट पर समाप्त होगा। यह ग्रहण साउथ एशिया नार्थ आस्ट्रेलिया, भारत, नेपाल, साउथ चाईना, जापान कोरिया आदि बहुत से देशो में देखा जा सकेगा।9 मार्च 2016 को सूर्य ग्रहण सुबह 4 बजकर 49 मिनट से शुरू होकर 10 बजकर 4 मिनट पर समाप्त होगा। यह ग्रहण साउथ एशिया नार्थ आस्ट्रेलिया, भारत, नेपाल, साउथ चाईना, जापान कोरिया आदि बहुत से देशो में देखा जा सकेगा।
भारत में ग्रहण सुबह 4:49 मिनट पर शुरू होगा। 5:45 मिनट पर अपने चरम पर होगा और सुबह 7:29 बजे ग्रहण समाप्त होगा।
सूतक का समयः-
8 मार्च रात्रि 9:08 मिनट पर सूतक लगेगा और 9 मार्च को 10:04 मिनट पर समाप्त होगा।
ग्रहण के समय ध्यान देने योग्य बातें -
- 9 मार्च को सूर्य ग्रहण भारत में बहुत जगह देखा जा सकेगा। 90 मिनट के इस समय में हमे धार्मिक, आयोजन, देव पूजन, इत्यादि कार्य करने चाहिये।
- ग्रहण के समय धारण किये हुए वस्त्र आदि को ग्रहण के पश्चात धोकर व शुद्ध करके दुबारा धारण करना चाहिये।
- ग्रहण के वक्त दान करने से घर में समृद्धि आती है।
- अगर संभव हो ता पके हुए भोजन को ग्रहण के वक्त ढ़क कर रखें और उसमें तुलसी का पात्र डालें।
- ग्रहण के वक्त किसी भी मंत्र का जाप एवं अपने इष्ट देव की पूजा करना लाभकारी होता है।
- घर में ग्रहण के समय में गाय के घी का दिया जलाना चाहिये।
- गरीबों को दान दें।
- बन्दर या लंगूर को फल तथा गुड़ खिलाये।
- ग्रहण के बाद दूध से भगवान शिव का अभिषेक करें।
- गरीबों में कम्बल बाँटें।
ग्रहण के समय किस मंत्र का करें जाप -
- अपनी राशि के अनुसार मंत्र जाप करने से अच्छा फल मिलता है।
- सिंह कुंभ राशि एवम मकर के जातकों को वैदिक गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करें।
“ ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् “
- कन्या और मिथुन राशि वाले जातको को सूर्या मंत्र या विष्णु मंत्र का जाप करना चाहिये।
“ऊँ नमो नारायणाय“
- तुला राशि एवम कर्क वाले व्यक्तियों को शिव मंत्र अथवा गणपति अर्थात मंत्र का पाठ करें।
“ नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नमरू शिवायरू॥
मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय
मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे म काराय नमरू शिवायरू॥
शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय
श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नमरू शिवायरू॥
अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्।
अकालमृत्योरू परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम्।।“
- मेष एवम् वृश्चिक राशि वाले जातकों को हनुमान चालीसा अथवा सुन्दरकांड का जाप करना चाहिये।
“श्री गुरु चरण सरोज रजए निज मन मुकुर सुधार द्य
बरनौ रघुवर बिमल जसु ए जो दायक फल चारि द्य
बुद्धिहीन तनु जानि के ए सुमिरौ पवन कुमार द्य
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु कलेश विकार”
- मीन एवम धनु राशि वाले जातकों को गणपति वन्दना या गंणपति मंत्र जाप करना चाहिये।
"ऊँ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्।"