Thursday, January 21, 2016

कैसे लायें जीवन में आनंद और सौभाग्य

चिन्ता, फिक्र, तनाव, डिप्रेशन, फ्रस्ट्रेशन आजकल के नौजवानों के जीवन का हिस्सा बन गया है। पिछले कुछ वर्षों से मैं महसूस कर रही हूं कि जितने भी युवक युवतियाँ मुझसे परामर्श लेने या भविष्य जानने आते हैं, वह सभी तनाव और इनसिक्योरिटी से ग्रस्त हैं।कोई अपनी पत्नी से परेशान है तो कोई बॉस से। कोई अपना घर नहीं बना पा रहा, तो किसी को इस बात की चिन्ता है कि उम्र निकली जा रही है और विवाह नहीं हो रहा। धन, जॉब, तरक्की सम्बन्धी चिन्ताएं तो सभी को हैं।
क्या आप भी तनाव में जी रहे हैं? 
आज की युवा पीढ़ी को जीवन से अधिक आशाऐं हैं परन्तु जब वह आशा पूरी नहीं होती तो निराशा बन जाती है और समय गुजरने पर चिन्ता का रूप ले लेती है और अपने आपको दुर्भाग्यशाली समझने लगते हैं।दुर्भाग्य और सौभाग्य, यह दोनो मन की स्थितियाँ हैं। यदि आप ध्यान से सोचें तो आपको स्मरण होगा कि हमारी अधिकांश चिन्ताएँ हमारी किसी कल्पना के कारण होती हैं। 
अब प्रश्न उठता है कि हम जीवन में आनंद और सौभग्य कैसे लायें?

हम सभी के पास अनंत शक्ति है परन्तु हम अपनी उर्जा का प्रयोग तनाव में, फिक्र में करते हैं । जबकि सकारात्मक सोच सौभाग्य बनाती है और नकारात्मक सोच दुर्भाग्य। हमें अपना जीवन कैसा चाहिये? यह हम पर निर्भर करता है ।‘‘सौभाग्यशाली‘‘ जीवन के लिए अपनी अनंत शक्ति का उपयोग कीजिए ताकि जीवन में प्रेरणा, खुशी, तरक्की और सफलता मिले।
इसके अलावा आप इन मंत्रों और उपायों की सहायता से अपना तनाव दूर करने के साथ-साथ सौभाग्य भी प्राप्त कर सकते हैं।
शुभ प्रभाव बढ़ाने व सुख प्रदान करने में यह मंत्र अत्यन्त प्रभावी माने जाते हैं। लेकिन मंत्रों का पूर्ण प्रभाव तब होता हैं जब कि जातक स्वयं परिश्रमी हो-

सौभाग्य का मंत्र -
''ॐ श्रीं सौभाग्य सिद्धिं देहि देहि नमः॥'' 

हर रोज इस मंत्र का 11 बार जाप करें। 

प्रसन्नता प्राप्ति के लिए मां दुर्गा की आराधना इस मंत्र के द्वारा करना चाहिए-

''प्रणतानां प्रसीद त्वं देवि विश्वार्तिहारिणि |
त्रैलोक्यवासिनामीड्ये लोकानां वरदा भव || ''
हर रोज इस मंत्र का जाप 101 बार करें।




''ॐ श्रीम गम सौभाग्य गणपतये वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः॥ ''

हर रोज इस मंत्र का जाप 51 बार करें।

भगवान श्रीकृष्ण का मूलमंत्र :    






‘'कृं कृष्णाय नमः’'



यह मंत्र मनोवांछित फल की प्राप्ति कराता है। 
इन मंत्रों के जाप से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।


गायत्री मंत्र –               

''ॐ भूर्भुव स्वः। तत् सवितुर्वरेण्यं। भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात् ॥''

हर मंत्र का हर रोज 21 बार जाप करें। 
- गन्ने के रस से बनी खीर को रोज खाए।- रोज सुबह सूर्य को देखकर आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।



सौभाग्य के टिप्स

1-गणेश चतुर्थी को गणेश जी का ऐसा चित्र घर या दुकान पर लगाएं, जिसमें उनकी सूंड दायीं ओर मुड़ी हुई हो। इसकी आराधना करें। इसके आगे लौंग तथा सुपारी रखें। जब भी कहीं काम पर जाना हो, तो एक लौंग तथा सुपारी को साथ ले कर जाएं, तो काम सिद्ध होगा। लौंग को चूसें तथा सुपारी को वापस ला कर गणेश जी के आगे रख दें तथा जाते हुए कहें 'जय गणेश काटो क्लेश´।
2-किसी शनिवार को, यदि उस दिन`सर्वार्थ सिद्धि योग’ हो तो अति उत्तम सांयकाल अपनी लम्बाई के बराबर लाल रेशमी सूत नाप लें। फिर एक पत्ता बरगद का तोड़ें। उसे स्वच्छ जल से धोकर पोंछ लें। तब पत्ते पर अपनी कामना रुपी नापा हुआ लाल रेशमी सूत लपेट दें और पत्ते को बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। इस प्रयोग से सभी प्रकार की बाधाएँ दूर होती हैं और कामनाओं की पूर्ति होती है।

3-घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए घर में नींबू का पेड़ लगाए। नींबू के पेड़ से आसपास का वातावरण सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर रहता है। इसके साथ ही नींबू का पेड़ घर में लगाने से घर का वास्तु दोष भी दूर होता है।

हमेशा सुबह उठ कर सबसे पहले सोचिए, आज आप अपना दिन कैसा चाहेंगे?उत्तर हो सफल। विश्वास कीजिये आपकी सकारात्मक सोच और इन मंत्रों का जाप आपका दिन उपलब्धियों से भर देगी और आपके जीवन में सौभाग्य की किरणें फूट पडेंगी।





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